About
प्रिय पाठकों मेरा नाम अमिताभ त्रिपाठी है और मैं हिन्दी की एक प्रमुख वेबसाइट www.lokmanch.com का सम्पादक हूँ। मैने आज से कोई दो वर्ष पूर्व यह ब्लाग आरम्भ किया था और ब्लागिंग से मेरा परिचय मेरे मित्र शशि कुमार सिंह ने कराया था। उस समय पहली बार मुझे ब्लागिंग के बारे में पता चला था। वैसे तो ब्लागिंग अभी विशेष रूप से डायरी विधा और संस्मरणात्मक स्थिति मे ही अधिक है परंतु इस स्वरूप से कुछ अलग हटकर मैने विषय प्रधान ब्लागिंग का मार्ग लिया। इसके पीछे दो कारण हैं एक तो ब्लागिंग में मुख्यधारा की पत्रकारिता और अर्थोपार्जन की सम्भावना है परन्तु इसके लिये ब्लागिंग में ऐसी सामग्री का समावेश करना होगा जो लेखकों और पत्र पत्रिकाओं के लिये उपयोगी हो और वे इसे खरीदने के बारे में सोचें। इसी कारण मैने विषय प्रधान ब्लागिग का मार्ग लिया। दूसरा कारण यह है कि जिस प्रकार देश में छद्म धर्मनिरपेक्षता के नाम पर देश की राष्ट्रीयता यानि हिन्दुत्व को गाली दी जा रही है वह देश के भविष्य के लिये अतयंत खतरनाक है। यह देश तभी तक सेकुलर और सहिष्णु है जब तक यह हिन्दु बहुल है। लेकिन जिस प्रकार आज इस्लामीकरण के खतरे से और कम्युनिस्टों के साथ उनकी मिलीभगत को नजरान्दाज किया जा रहा है वह देश के भविष्य के लिये शुभ संकेत नहीं है। इसी कारण मैने हिन्दू जागरण शीर्षक से ब्लाग आरम्भ कर एक तो सार्वजनिक रूप से हिन्दू शब्द के प्रयोग को लेकर संकोच की प्रथा तोडने की पहल की और दूसरा उन विषयों को सामने लाने का प्रयास किया जो आम तौर पर जान बूझकर सामने नहीं लाये जाते।
इस ब्लाग में तथ्यात्मक बातें की जाती हैं और अनर्गल प्रलाप नहीं होता। इसमें किसी धर्म या व्यक्ति की अवमानना नहीं की जाती यदि लेखन के प्रसंग में ऐसे उल्लेख आवश्यक हुए तो अवश्य होते हैं। आशा है कि ब्लागिंग की दिशा में मेरे इस प्रयास को अवश्य सराहा जायेगा।
वैसे व्यक्तिगत रूप से मैं एक पत्रकार और लेखक हूं। विद्यार्थी काल से ही पत्रकारिता से जुडा रहा और अनेक पत्र पत्रिकाओं का सम्पादन करते हुए अब वेब माध्यम को पकडा है ताकि कुछ नया कर सकूँ। विदेश के अनेक पत्रकारों के साथ व्यावसायिक आधार पर जुडा हूँ जिनमें अमेरिका के डैनियल पाइप्स और डा. रिचर्ड बेंकिन प्रमुख हैं। मध्य पूर्व और इस्लामी राजनीति के जानकार डा. डैनियल पाइप्स के करीब 300 लेखों का हिन्दी में अनुवाद भी किया है जिन्हें www.hi.danielpipes.org पर देखा जा सकता है। आज आतंकवाद की समस्या को कुछ हद तक इस्लामी आतंकवाद कहा जा सकता है और इस तथ्य से मुँह चुराने के स्थान पर इस पर चर्चा होनी चाहिये। आज आधुनिक सन्दर्भ में जेहाद के नाम पर एक इस्लामवादी आन्दोलन चलाया जा रहा है। इसके लिये इस्लाम और उसमें जेहाद की अवधारणा तथा वर्तमान जेहाद के साथ उसका सातत्य और वर्तमान सन्दर्भ समझना होगा। आज हम आतंकवाद की इस समस्या से इस्लाम की राजनीति, उसकी आकाँक्षा और 18वीं शताब्दी से भारतीय उपमहाद्वीप और मध्यपूर्व में जेहाद के साथ इस्लामी आन्दोलनों का अध्ययन करने की आवश्यकता है। मध्य पूर्व की राजनीति को समझे बिना हम वर्तमान जेहाद और इस्लामी आतंकवाद की वैश्विक पृष्ठभूमि को नहीं समझ सकते। अभी तक इस दिशा में भारत में कोई विशेष कार्य नहीं हुआ है।
Raman Kaul said
Amitabh ji,
Your articles are very valuable. Please change the formatting of your permalinks, so that the post name does not appear in the permalink. This causes the Hindi permalink to become too long and cannot be reached from Narad. Also, this makes it harder to share links.
– Raman Kaul
S.M. Bawa said
Wish you all the best, Amitabh.
http://indiaview.wordpress.com/
ALL MIGHTY SPIRITUAL SOCIETY said
अमिताभ जी, आपके विचार देश के हित में है और इस सोयी हुई देव संस्कृति को जगाने का बहुत सटीक प्रयास है आपके विचारो द्वारा!
Jitendra Dave said
Exceleent effort. Please keep it up.
Sanjay Kumar said
आपके विचार मेरे विचारों से काफी मिलते जुलते हैं , मैंने अपने अनुभव और आकड़ो के आधार पे ये कहने को विवस हूँ की हिन्दू उत्थान की बातें आज की तारीख में करना संदेह की दृष्टी से देखा जाता है . आज मुसलमानों को पिछाड़ा कहा जाता है जबकि उन्होंने हिन्दू समाज को ८०० सालों तक अपना गुलाम बना कर रखा. आज जरूरत है की हिन्दू समाज में एकता लाने की जात पात की दूरी को ख़तम करने की.. राम पर जितनी आस्था एक पंडित की होती है उतनी ही एक हरिजन की भी होती है.
Pradeep Bhardwaj Kavi said
Vishwa Kalyan Ke Prahariyo Jagte Raho!
Vatan Ki Fikra Kar Nandaa Musibat Aane Wali Hai.
Teri Barbadiyon Ke Taskare Hai Aasmano mein .
Na Sanbhaloge to mit Jaaoge Ae Hindostan Walo.
Tumhaari Danstan Bhi Na Hogi Danstanon mein.